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हे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी pdf. He hans vahini gyan dayini pdf |
हे हंसवाहिनी, ज्ञान दायिनीअम्ब विमल मति दे,
अम्ब विमल मति दे ||
जग सिरमौर बनाएँ भारत,
वह बल विक्रम दे,वह बल विक्रम दे॥
हे हंसवाहिनी, ज्ञान दायिनीअम्ब विमल मति दे,
अम्ब विमल मति दे ||
साहस शील हृदय में भर दे,जीवन त्याग-तपोमर कर दे,
संयम सत्य स्नेह का वर दे ||
स्वाभिमान भर दे,स्वाभिमान भर दे ||
हे हंसवाहिनी, ज्ञान दायिनीअम्ब विमल मति दे,
अम्ब विमल मति दे ||
लव-कुश, ध्रुव, प्रहलाद बनें हममानवता का त्रास हरें हम,सीता, सावित्री, दुर्गा मां |फिर घर-घर भर दे,फिर घर-घर भर दे ||
हे हंसवाहिनी, ज्ञान दायिनीअम्ब विमल मति दे,
अम्ब विमल मति दे ||